श्रीमती त्रिवेणी देवी इण्टर कालिज, शाहगढ़ (अलीगढ़)

इस विद्यालय का शुभारम्भ वर्ष 2009 के जनवरी माह में हुआ। जूनियर हाई स्कूल के रूप में स्थापित की गयी यह संस्था वर्तमान में एक इण्टर कालिज का रूप ले चुका है।

संस्थान के उत्थान में इसके प्रबन्ध तन्त्र का अहम योगदान है। वर्ष 2009 में विद्यालय की प्रबन्ध समिति के महत्वपूर्ण प्रबन्धक पद का भार श्री विकास सिंह ने संभाला। उन्होंने अपनी कार्यकारिणी के सदस्यों, विद्यालय के अध्यापकों, लिपिक एवं अन्य स्टॉफ को साथ लेकर चलते हुए विद्यालय का जीर्णोद्वार कराया। अपने 13 वर्ष के कार्यकाल के दौरान संस्थापक एवं प्रबन्धक महोदय ने समुचित शिक्षा हेतु अनेक पाठ्यक्रमों की मान्यता प्राप्त की, एवं विद्यार्थियों के विकास हेतु, खेलकूद, व्यायाम, अनुशासन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर जोर दिया।

भवन विस्तार

छात्रों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए विद्यालय में नवीन कक्षों का निर्माण एवं विस्तार निरंतर प्रगति पर है। विद्यालय के कुशल एवं सुयोग्य प्रबन्धक महोदय ने व्यक्तिगत रूचि लेकर कई नवीन कक्षा विद्यालय के चारों ओर पक्की बाउण्ड्री का निर्माण कराया है। इस समय विद्यालय में 18 कमरे ( 20′ x 25), 6 लैब ( 20′ x (30) की तथा प्रधानाचार्य कक्ष, अध्यापक कक्ष तथा लिपिक कक्ष मौजूद हैं। बिजली की उत्तम व्यवस्था के लिए जेनरेटर, पीने के पानी के लिए चार हैण्डपम्प, समरसेबिल आदि मौजूद हैं।

विद्यालय वातायन

सामूहिक प्रार्थना, व्यायाम एवं नैतिक शिक्षा –

विद्यालय की दिनचर्या का प्रारम्भ ईशवन्दना एवं राष्ट्रीयगान नियमित रूप से होता है, छात्र-छात्राओं में नैतिक एवं मानवीय गुणो का विकास करने के लिए नैतिक शिक्षा का आयोजन किया जाता है।

विद्यालय सत्र के प्रारम्भ में हवन आदि भी कराये जाते हैं।

सांस्कृतिक कार्यक्रम –

राष्ट्रीय पर्वो पर बच्चों का विकास करने के लिए कार्यक्रम कराये जाते हैं। जिनमें नाटक, भाषण, देश भक्ति गीत आदि प्रमुख होते हैं।

प्राथमिक चिकित्सा –

प्राथमिक चिकित्सा के लिए (First Aid Box) विद्यालय में मौजूद है।

क्रीड़ा विभाग –

छात्रों के शारीरिक विकास के लिए विद्यालय में खेलकूद एवं व्यायाम की समुचित व्यवस्था है।

विज्ञान शिक्षा –

विद्यालय में विज्ञान विषय उपलब्ध है तथा विद्यालय में विज्ञान के छात्रों के लिए आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशाला है।

कला शिक्षा –

विद्यालय में कला विषय भी प्रारम्भ से मौजूद है, जिसके अन्तर्गत छात्राओं तथा छात्रों को साहित्यिक, सामाजिक, नैतिक तथा कला आलेखन की शिक्षा दी जाती है।

कम्प्यूटर शिक्षा –

विद्यालय में छात्र एवं छात्राओं हेतु कम्प्यूटर की समुचित व्यवस्था है। अनुशासन एवं अनुशासन समिति –

विद्यालय की अनुशासन समिति द्वारा छात्र-छात्राओं में अनुशासन बनाये रखने के लिए निरंतर प्रयत्नशील है।

अनुशासन के नियम –

1. विद्यालय में समस्त छात्र एवं छात्राओं को पूर्ण यूनीफार्म में उपस्थित

होना अनिवार्य है। कोई भी छात्र एवं छात्रा प्रधानाचार्य की अनुमति लिए बिना कालिज

2. प्रांगण से बाहर नहीं जा सकता है, अन्यथा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। छात्र एवं छात्राऐं रिक्त घंटों में छतों एवं मैदानों में नहीं बैठेंगी।

3. विद्यालय में समय से न आने वाले छात्र एवं छात्राओं को घर वापस भेज

4. दिया जायेगा।

5. विद्यालय में मोबाइल फोन लाना पूर्णतः वर्जित हैं।

6. 7. प्रत्येक छात्र एवं छात्राओं के लिए परिचय पत्र रखना अनिवार्य है। विद्यालय परिसर में साइकिल अथवा अन्य वाहन पर चढ़कर आना पूर्णतः वर्जित है।

8. फर्नीचर के रख-रखाव का दायित्व कक्षा के छात्र एवं छात्राओं का है।

विद्यालय यूनिफार्म –

सभी छात्र एवं छात्राओं का विद्यालय यूनिफार्म में आना अनिवार्य है, जो निम्नवत् 1. कक्षा 1 से 5 तक छात्रों के लिए शर्ट और पेन्ट, काले जूते, सफेद मोजे है।

छात्राओं के लिए शर्ट और स्कर्ट, काले जूते, सफेद मोजे 2. कक्षा 6 से 12 तक छात्रों के लिए शर्ट और पेन्ट, काले जूते, सफेद मोजे छात्राओं के लिए कॉलर वाला कुर्ता एवं बैल्ट वाली सलवार, • सफेद दुपट्टा, सफेद जूता, सफेद मोजे एवं बालों में रिवन

साइकिल स्टैण्ड

विद्यालय में छात्र एवं छात्राओं के लिए साइकिल स्टैण्ड उपलब्ध है। मोटर साईकिल लाना पूर्णतः वर्जित है।

उपस्थिति एवं अवकाश –

छात्र एवं छात्राओं को प्रार्थना पत्र देकर अवकाश की पूर्व स्वीकृति कर लेनी चाहिए अन्यथा अनुपस्थिति अंकित की जायेगी। अप्रैल में प्रथम तीन दिन तथा अन्य माह में लगातार 5 दिन अनुपस्थित रहने पर छात्र एवं छात्राओं का नाम प्रथक कर दिया जायेगा। विलम्ब से आने वाले छात्र-छात्राओं को विद्यालय में प्रवेश नहीं दिया जायेगा।

छात्रवृत्तियां

विद्यालय में अनुसूचित तथा पिछड़ी जातियों को समाज कल्याण विभाग द्वारा देय छात्रवृत्तियां नियमानुसार प्रदान की जाती हैं।

परीक्षा सत्र –

प्रत्येक सत्र में दो मासिक परीक्षा, अर्द्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षा होंगी।